2025-08-24 15:54:24
नेशनल डेस्क: जिले के पांढुर्णा में हर साल की तरह इस बार भी शनिवार को जाम नदी किनारे गोटमार मेला परंपरागत ढंग से आयोजित किया गया। मेले में पांढुर्णा और सावरगांव के हजारों लोग आमने-सामने आए और एक-दूसरे पर पत्थरों की बरसात कर दी। सुबह 10 बजे शुरू हुई यह पत्थरबाजी देर शाम तक चलती रही, जिसमें करीब 1000 लोग घायल हो गए। घायलों में कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। दो लोगों को इलाज के लिए नागपुर रेफर किया गया है। जानकारी के अनुसार, पांढुर्णा निवासी ज्योतिराम उईके का पैर टूट गया, जबकि निलेश जानराव का कंधा फ्रैक्चर हो गया। मौके पर तैनात रहा स्वास्थ्य और सुरक्षा अमला प्रशासन ने मेले को लेकर तैयारी की थी। नदी किनारे 6 अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए थे, जहां 58 डॉक्टर और 200 मेडिकल स्टाफ मौजूद रहा। वहीं, 600 पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए तैनात किए गए थे। हालांकि, पत्थरबाजी को रोकने में सुरक्षा बल नाकाम रहा। कलेक्टर अजय देव शर्मा ने मेले में धारा 144 लागू की थी, लेकिन इसका भी कोई खास असर नहीं दिखाई दिया। कैसे शुरू होता है गोटमार मेला? गोटमार मेले की शुरुआत चंडी माता की पूजा से होती है। इसके बाद सावरगांव के लोग जंगल से पलाश का पेड़ काटकर लाते हैं और उसे नदी के बीच में गाड़ते हैं। यह परंपरा सावरगांव निवासी सुरेश कावले के परिवार द्वारा पीढ़ियों से निभाई जा रही है।